तारकेश्वर महादेव मंदिर, लैंसडाउन


तारकेश्वर महादेव मंदिर, लैंसडाउन

कोट्द्वार दिल्ली से लगभग 250 किलोमीटर दूर पर बसा है इस स्थान को पहाडो में प्रवेश करने के लिये भी जाना जाता है लोग अपने अपने दूर दराज के गॉव में जाने के लिए यहाँ से ही प्रवेश करते है. कोटद्वार से लैंसडाउन जाने वाले रास्ते में यहां एक पुराना और बहुत मान्यता वाला सिद्धबली बाबा का मंदिर है. पहाडी के कोने पर बने होने के बाबजूद भी इस मंदिर को किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा क्षति नहीं पहुंचा पाती है.

कोटद्वार से लगभग 35 -40 किलोमीटर की दूरी पर लैंसडौन पड़ता है. वैसे लैंसडौन अपने आप मैं काफी मशहूर स्थान है  क्योंकि  वायसराय ऑफ इंडिया लॉर्ड लैंसडाउन के नाम पर इस खूबसूरत हिल स्टेशन को अंग्रेजों ने सन 1887 में बसाया था.  उत्तरांचल में बसा एक छोटा सा हिल स्टेशन है बहुत शांत और साफ़ सुथरा हिल स्टेशन जिसके बारे में कम लोग ही जानते हैं.  समुद्र तल से 1706 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद लैंसडाउन कैंट एरिया है. यहाँ हर तरफ फैली हरियाली आपको एक अलग ही दुनिया का एहसास कराती है. लैंसडाउन गढ़वाल राइफल्स का गढ़ भी है. यह पूरा इलाका सेना की देख-रेख में चलता है.

समुन्दरी तट से 2092 मीटर ऊँचाई पर स्थित, पहाड की चोटी पर बना तारकेश्वर महादेव मंदिर, लैंसडाउन का पवित्र धार्मिक स्थान है. हिन्दू भगवान शिव को अर्पित, इस मंदिर के दर्शन करने हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं. यह मान्यता है कि, इस मंदिर में माँगी गई हर मन्नत भगवान पूरी करते हैं. हर साल, यहाँ महा शिवरात्रि का त्योहार बहुत हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह मंदिर ताड़ और देवदार के वृक्षों से घिरा हुआ है.  साथ ही यहाँ कई पानी के छोटे छोटे झरने बहते हैं.

टिप इन टॉप - यहां से स्नो पॉइंट और दूर-दूर तक फैले पहाड़ देखे जा सकते हैं. यहां से पहाड़ों के बीच-बीच में छोटे-छोटे कई गांव दिखाई देते हैं, जिसे देखना अपने आप में एक अलग अनुभव है. एक अलग सी ही शांति है लैंसडाउन में, जिसे आप यहां पूरी तरह से महसूस कर पाएंगे. अगर आप सन राइज देखने के शौकीन हैं, तो पहाड़ों के पीछे से निकलता सूरज आपको एकदम तरोताज़ा कर देता है. साफ़ मौसम के दिनों में बर्फ से ढंके हिमालय की लंबी रेंज भी यहां से देखी जा सकती है.

भुल्ला ताल-  यह एक छोटी-सी झील है. फैमिली और दोस्तों के साथ यहां बोटिंग का मजा उठा सकते हैं. तालाब को और सुन्दर बनाने के लिए यहां बच्चों के लिए पार्क, खूबसूरत फव्वारे और बांस के मचान लगाए गए हैं. यहां से कुछ ही दूरी पर 100 साल से ज्यादा पुराना संत मेरी चर्च है और संत जॉन चर्च है जहां आप जा सकते हैं.

राइफल्स वॉर मेमोरियल और रेजिमेंट म्यूजियम - इस म्यूजियम में आपको सेना के युद्ध में इस्तेमाल हुए हथियार, उनकी पोशाकें और भी बहुत कुछ ऐसा देखने को मिलेगा, जो आपके लिए नया होगा.  इसके करीब ही परेड ग्राउंड भी है, जिसे आम टूरिस्ट बाहर से ही देख सकते हैं. आप यहां पर सेना को ट्रेनिंग लेते हुए देख पायेंगे.

संतोषी माता मंदिर – आप शाम को सन सेट का खूबसूरत नजारा देखने के लिए 2092 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद संतोषी माता मंदिर जा सकते हैं. यह लैंसडाउन की ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है. यह भी यहां का एक पुराना मंदिर है और सन सेट के लिए मशहूर है.  इस क्षेत्र में ट्रैकिंग और जंगल सफारी का भी मजा ले सकते हैं. इस क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिए का सबसे बढिया पॉइंट रुट लवर्स लेन हैं. भैरव गढ़ी भी ट्रैकिंग के लिए अच्छी जगह है.


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